
मोहन नगर का जलजमाव: घर को आग लग गई घर के ही चिराग से
_____________________
छपरा,१४अक्तूबर। घर को आग लग गई घर के ही चिराग से यह उक्ति मोहन नगर के स्थायी जल जमाव पर अच्छी तरह से लागू होती है। विदित हो कि मोहन नगर में सड़क पर बिना वर्षा के ही सालों भर लगा रहने वाला स्थाई जल जमाव एक नासूर बन गया है मोहल्ले वासियों के लिए ।किंतु ,इसका असली कारण नाले के आखिरी हिस्से में नाले के ही उपर निर्माणाधीन मकानों का सारा बालू, कंक्रीट और ईटों का रख दिया जाना है, जिसके कारण नाला जाम हो जाता है और पानी निकल ही नहीं पाता। मोहल्ले वासियों का कहना है कि वार्ड कमिश्नर के लाख प्रयास के बाद भी पानी के न निकलने का मूल कारण यही है।इसके साथ ही निकास मार्ग के तरफ की सड़क की ऊंचाई भी एक महत्वपूर्ण कारण है जिससे पानी लगातार बना रहता है ।मोहल्ले वासी इसी मलमूत्र युक्त अति गंदे पानी से होकर सालों भर गुजरने को विवश हैं चाहे वह स्कूल जाने वाले बच्चे हो या मंदिर जाने वाली महिलाएं या अपने कार्यालय और बाजार को जाने वाले पुरुष। मोहल्ले के नागरिक डॉक्टर वीरेंद्र ना पांडेय, अधिवक्ता अविनाश शंकर , हरिमोहन सिंह,राजेश द्विवेदी,साहित्यकार अविनाश नागदंश ,विनोद कुमार श्रीवास्तव,मुकुल श्रीवास्तव, बैंकर महेश वर्मा, संगीताचार्य विश्वनेक समदर्शी एवं विवेक समदर्शी , कांग्रेस नेता सुरेश प्रसाद यादव आदि ने नगर आयुक्त एवं जिला प्रशासन से मांग की है कि नाले की अविलंब सफाई कराई जाए एवं निर्माण सामग्रियों का नाले पर से उठाव कराया जाए ।
नागरिकों ने यह भी मांग की है कि मौना पंचायत से रेलवे लाइन की ओर जाने वाली सड़क को बीच से काट कर ही एक सीधा नाला बनाया जाए ताकि पानी सीधे मौना पंचायत की तरफ से आने वाले बड़े नाले में मिल कर निकल जाए।